नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) शीर्ष ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने राष्ट्रीय चयनकर्ता और टीम प्रबंधन से अपील की है कि वे तिलक वर्मा जैसी प्रतिभा पर भरोसा करें और बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को विश्व कप की टीम में शामिल करें क्योंकि कई बल्लेबाजों के चोटों से उबरने के कारण वह मध्य क्रम में भारत की मुश्किलों को दूर कर सकते हैं।
अश्विन के रुख का चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने भी समर्थन किया जिन्हें अंतिम 15 में वर्मा की मौजूदगी में कोई समस्या नहीं है, बशर्ते श्रेयस अय्यर टीम में जगह नहीं बना पाएं।
हैदराबाद के इस 20 साल के खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरुआती तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 39, 50 और नाबाद 49 रन की पारियों के दौरान प्रभावित किया है।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘विश्व कप को लेकर उसकी दावेदारी मजबूत है। अगर हमारे पास पर्याप्त बैकअप नहीं हुए तो क्या वे विकल्प के रूप में तिलक वर्मा के नाम पर विचार करेंगे? क्योंकि संजू सैमसन ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन तिलक वर्मा के बारे में रोमांचक चीज यह है कि वह बाएं हाथ का बल्लेबाज है और टीम इंडिया में बाएं हाथ के बल्लेबाजों की कमी है। शीर्ष सात में जड्डू (रविंद्र जडेजा) बाएं हाथ का एकमात्र बल्लेबाज है। ’’
स्टार बल्लेबाज लोकेश राहुल (जांघ की सर्जरी) और अय्यर (कमर की सर्जरी) के पास पांच अक्टूबर से शुरू हो रहे विश्व कप के लिए फिट होने के लिए पर्याप्त समय नहीं है जबकि बैकअप के तौर पर टीम में शामिल सूर्यकुमार यादव और सैमसन भी चौथे नंबर पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
अश्विन ने वर्मा को चुनने का तर्क यह दिया कि अधिकांश देशों के पास अंगुली के अच्छे स्पिनर नहीं हैं जो बाएं हाथ के बल्लेबाजों को परेशान कर सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी शीर्ष टीम के स्पिनरों को देखिए। ऑस्ट्रेलिया के पास एशटन एगर है। इंग्लैंड के पास माईन अली और लेग स्पिनर आदिल राशिद है। अधिकाश टीम के पास बाएं हाथ के बल्लेबाजों को चुनौती देने के लिए अंगुली से स्पिन कराने वाला गेंदबाज नहीं है। यही कारण है कि तिलक महत्वपूर्ण है। ’’
पिछले एकदिवसीय विश्व कप के दौरान भारतीय चयन समिति के प्रमुख रहे एमएसके प्रसाद का मानना है कि वर्मा जैसा खिलाड़ी सक्षम एकदिवसीय खिलाड़ी है।
प्रसाद ने पीटीआई से कहा, ‘‘हैदराबाद के लिए उसका लिस्ट ए रिकॉर्ड देखिए। उसने 25 लिस्ट ए मैच खेले हैं और उसका औसत 55 (56.18) से अधिक है। उसने पांच शतक और पांच अर्धशतक बनाए हैं। इसका मतलब है कि कम से कम 50 प्रतिशत बार वह अर्धशतक को शतक में बदल रहा है। उसका स्ट्राइक रेट 100 से अधिक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह बुरा विचार नहीं है बशर्ते श्रेयस टीम में जगह नहीं बनाए। तभी आप वर्मा के बारे में सोच सकते हो। लेकिन मुझे यकीन है कि भविष्य में वह सफेद गेंद के प्रारूप में भारत का नियमित खिलाड़ी होगा।’’
Source: PTI News