अनु को धाविका बनाना चाहते थे परिवार के लोग

जींद, 12 जून (भाषा) जूनियर महिला एशिया कप में भारत के पहले खिताब के दौरान शीर्ष स्कोरर रही अनु को उनके परिवार के सदस्य धाविका बनाना चहते थे लेकिन उन्होंने जब हॉकी स्टिक थामी तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

जींद, 12 जून (भाषा) जूनियर महिला एशिया कप में भारत के पहले खिताब के दौरान शीर्ष स्कोरर रही अनु को उनके परिवार के सदस्य धाविका बनाना चहते थे लेकिन उन्होंने जब हॉकी स्टिक थामी तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

भारत ने जापान के काकामिगाहारा में रविवार को हुए फाइनल में चार बार के चैंपियन दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर पहली बार महिला जूनियर हॉकी एशिया कप का खिताब जीता।

जींद जिले के छोटे से गांव रोज खेड़ा की रहने वाली अनु टूर्नामेंट में नौ गोल दागकर शीर्ष स्कोरर रही।

अनु के भाई अमन ने कहा, ‘‘मैं और परिवार के लोग अनु को धाविका बनाना चाहते थे लेकिन उसने हॉकी को चुना।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गांव में खेल की कोई सुविधा नहीं है इसलिए हमने अनु को सिरसा भेजा ताकि वह खेलों में अपना भविष्य बना सके। अनु की दौड़ की बजाय हॉकी में ज्यादा दिलचस्पी देखी तो उसे हॉकी में ही अपना भविष्य बनाने दिया।’’

अनु ने टूर्नामेंट के पहले मैच में उज्बेकिस्तान के खिलाफ भारत की 22-0 की जीत के दौरान छह गोल दागे। उन्होंने इसके अलावा चीनी ताइपे के खिलाफ पूल मैच में दो और कोरिया के खिलाफ फाइनल में भी एक गोल किया।

Source: PTI News

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